Thursday 17 November 2016

अंतरा का आंगन

साथ सबका
संवेदना से भरा
अंतरा में है

अंतरा में है
प्रेम अपनापन
आस व स्वप्न

आस व स्वप्न
करता है प्रेरित
सृजन करो

सृजन करो
अंतरा का आंगन
बने समृद्ध

प्रीति सुराना


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