साथ सबका
संवेदना से भरा
अंतरा में है
अंतरा में है
प्रेम अपनापन
आस व स्वप्न
आस व स्वप्न
करता है प्रेरित
सृजन करो
सृजन करो
अंतरा का आंगन
बने समृद्ध
प्रीति सुराना
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साथ सबका
संवेदना से भरा
अंतरा में है
अंतरा में है
प्रेम अपनापन
आस व स्वप्न
आस व स्वप्न
करता है प्रेरित
सृजन करो
सृजन करो
अंतरा का आंगन
बने समृद्ध
प्रीति सुराना
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