तेरे गीतों की लय में बंधी
मेरी सांसों की है सरगम ,
तू ही है हमराज़ मेरा
तू ही है मेरा हमदम ।
तेरे हाथों में था हाथ मेरा
जीवन एक पल था ठहरा
कुछ बोली अबोली बातों का
हुआ है मन पर असर गहरा
उन बातों के कर लेखे जोखे
कितनी खुशियां थे कितने गम
तेरे गीतों की लय में बंधी,...
जब तू मुझको छोड़ गया
न शाम हुई न रात ढली
न नींद रही न कोई सपना
रही सूनी यादों की गली
कठिन बहुत था समझाना
विचलित था विरहन का मन
तेरे गीतों की लय में बंधी,...
बीते लम्हों की बात न कर
जो छूट गया उसे याद न कर
पल पल जो हमने साथ जीया
हर पल को कर दे आज अमर
लिख दे कोई ऐसा गीत नया
कर दें जो सबकी आंखें नम
तेरे गीतों की लय में बंधी,... प्रीति सुराना
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