Friday 29 July 2016

सावन की रितु आई

सावन की रितु आई,
बागों में झूले
संग बैरन तनहाई।

संग बैरन तनहाई,
आंखों में आंसू
याद पिया की आई।

याद पिया की आई,
अरज लगाई है
होगी कब सुनवाई।

होगी कब सुनवाई,
भीग रहा है मन
साजन है हरजाई।

साजन है हरजाई,
बात नहीं समझे
सावन की रितु आई। ,...प्रीति सुराना

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