Tuesday 14 June 2016

कहां आसान है ये

कहां आसान है ये जो यहां चाहें कमा ले हम,
नहीं आसान ये भी तो नई दुनिया बसा ले हम,
यहां बरसात होगी ही पड़ा सूखा अभी तो क्या,
चलो अब हाथ में अपने ज़रा पत्थर उठा लें हम,.. प्रीति सुराना

0 comments:

Post a Comment