Wednesday 1 June 2016

किसी के हाथों की लकीर होना

किसी के हाथों की लकीर होना,
और यूं किसी की तक़दीर होना ।

प्रेम भी कितने रंग दिखाता है,
हसीन है गालों का अबीर होना ।

प्रेम के धागे नहीं होते कच्चे,
गज़ब है धागों का जंजीर होना ।

प्रेम रुलाता है माना दिल को,
पर बुरा  है ऐसे अधीर  होना ।

सब कुछ लुटाकर सनम पर,
नसीब होता है यूं फकीर होना ।

प्रेम में टूटकर शायर कई हुए,
मुश्किल है लेकिन कबीर होना ।

छुपा कर आंसुओं के ख़ज़ाने,
आसान नहीं 'प्रीत' अमीर होना ।
प्रीति सुराना

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