किसी के हाथों की लकीर होना,
और यूं किसी की तक़दीर होना ।
प्रेम भी कितने रंग दिखाता है,
हसीन है गालों का अबीर होना ।
प्रेम के धागे नहीं होते कच्चे,
गज़ब है धागों का जंजीर होना ।
प्रेम रुलाता है माना दिल को,
पर बुरा है ऐसे अधीर होना ।
सब कुछ लुटाकर सनम पर,
नसीब होता है यूं फकीर होना ।
प्रेम में टूटकर शायर कई हुए,
मुश्किल है लेकिन कबीर होना ।
छुपा कर आंसुओं के ख़ज़ाने,
आसान नहीं 'प्रीत' अमीर होना ।
प्रीति सुराना
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