Tuesday, 31 May 2016

अनुभव

एक प्रयास

कर्ण छंद
(13-17 चरणान्त 2 गुरु)

चलो उठो आगे बढ़ो,तुम बिन लड़े खुद से मत हारो।
बस प्रयास करते रहो , कभी डरकर मन को मत मारो।
डर के आगे जीत है, अनुभव ये जीवन में उतारो।
सुनो मन ऐसे थककर ,निज सुखों को दुख पर मत वारो।
प्रीति सुराना

0 comments:

Post a Comment