एक प्रयास
कर्ण छंद
(13-17 चरणान्त 2 गुरु)
चलो उठो आगे बढ़ो,तुम बिन लड़े खुद से मत हारो।
बस प्रयास करते रहो , कभी डरकर मन को मत मारो।
डर के आगे जीत है, अनुभव ये जीवन में उतारो।
सुनो मन ऐसे थककर ,निज सुखों को दुख पर मत वारो।
प्रीति सुराना
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