Sunday 1 May 2016

तकरार

कर ले ये अब तू स्वीकार,
तुझको मुझसे ही है प्यार।

कैसे काटूं मैं दिन रात,
तुम बिन ये दिल है बेज़ार।

माझी बिन जाएगी डूब,
मेरी नौका है मझधार।

बांटे सुखदुख मेरे साथ,
बस तू ही इसका हक़दार।

हो दुनिया में तू मशहूर,
मांगू ये रब से हर बार।

रख ले मेरा इतना मान,
तुझसे मैंने मानी हार।

मैं करती हूं तुझसे प्रीत,
फिर काहे को हो तकरार।
प्रीति सुराना

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