एक रचनात्मक कार्यशाला में
आज का विषय
"हसगुल्ले"
रखा गया।
ये
मुझसे जलने वाले
दोस्तों की
वो साजिश है
जो इस जानकारी के बाद
की गई
कि रसगुल्लों से ज्यादा
हंसगुल्लों से मोटापा बढ़ता है,...
मैं मानवाधिकार का प्रयोग करते हुए
कार्यक्रम संचालक से निवेदन करती हूं
सौंदर्य हित को ध्यान में रखते हुए
हंसगुल्लों के साथ
चुटकियां और तीखे व्यंग्य भी परोसे जाएं,
अन्यथा मैं अभिव्यक्ति की अदालत में
मुकदमा दायर करने का
अधिकार रखती हूं,...
इसे मेरी वैधानिक चेतावनी समझा जाए,..
मोटापा पीड़ित संघ की प्रतिनिधि
प्रीति सुराना :p
0 comments:
Post a Comment