एक दो तीन चार गिनो,..
तो ये वक़्त काटना लग रहा अब भारी,..
चार तीन दो एक सोचो,..
तो और बढ़ रही सबसे मिलने की बेकरारी,.. 😊 प्रीति सुराना
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एक दो तीन चार गिनो,..
तो ये वक़्त काटना लग रहा अब भारी,..
चार तीन दो एक सोचो,..
तो और बढ़ रही सबसे मिलने की बेकरारी,.. 😊 प्रीति सुराना
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