Thursday 25 February 2016

दहेज (वर्णपिरामिड)

दहेज़ जहर है समाज के लिए

1.
स्त्री
सुख
सामर्थ्य
सक्षमता
साथ जो लाए
सब स्त्री का धन
ना नर का साधन।

2.
स्त्री
सुख
सपने
समर्पण
सहभागिता
सब लाती साथ
दहेज़ लाना व्यर्थ।

3.
दे
देना
दहेज़
बेचकर
बेटी के ख्वाब
खरीदा नवाब
ये तो विवाह नहीं।

4
जो
नर
स्त्रीधन
भोग करे
दहेज़ मांगे
उसे क्या कहेंगे
नर या जानवर।

5
वो
कैसा
मानव
जो झोंक दे
आग में ही स्त्री
दरिंदा लालची
दहेज़ का दानव।

6
दे
दाता
दरिद्र
दुष्टजन
दहेजलोभी
दानव स्वरुपी
दरिंदों को सज्ञान। ,..प्रीति सुराना

1 comment:

  1. वाह
    हर विधा मे हाथ आजमा रही हो ........बढ़िया

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