क्या हुआ जो नहीं पास मेरे,.
सुख सुविधा और विलासिता के सागर,..
मैं तो बढ़ती चलूं ले साथ अपने,...
अपने सपनों की गागर,...प्रीति सुराना
"फ़ोटो देखकर मन में उभरे भाव"
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क्या हुआ जो नहीं पास मेरे,.
सुख सुविधा और विलासिता के सागर,..
मैं तो बढ़ती चलूं ले साथ अपने,...
अपने सपनों की गागर,...प्रीति सुराना
"फ़ोटो देखकर मन में उभरे भाव"
सपनों की गागर, अपनों की गागर।
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