Thursday, 7 January 2016

जिंदा रहने की एक जद्दोजहद...

जो जीया,
वो लिखा,..

जो सिर्फ लिखा,
उसे जीने की कोशिश है,..

ये सच है
जिंदगी में दर्द  बहुत है,..

दर्द को महसूस करके लिखना,
ख़ुशी को लिखकर महसूस करना,..

सुनो!!
ये भी तो
जिंदा रहने की एक जद्दोजहद है,.. प्रीति सुराना

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