Wednesday, 6 January 2016

दासतां सी बन गए...

दासतां सी बन गए हैं खुशियों भरे पल मेरे लिए,
ख्वाब सब बिखरे पड़े हैं आंसुओं के मंजर लिए,
दर्द ही दर्द है जिंदगी में कतरा-कतरा बिखरे हुए,
जी रही हूं मैं फिर भी अगर तो सिर्फ-सिर्फ तेरे लिए,...प्रीति सुराना

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