हां!!
सच कहते हैं
अनुभवी लोग
एक सच को जीने से
कहीं ज्यादा
मुश्किल होता है
एक झूठ को निभाना,...
मैंने तो
सिर्फ इसलिए कह दिया था
"मैं ठीक हूं"
क्योंकि मैं जानती हूं
मेरे हाल और हालात
मुझसे ज्यादा तुम्हें विचलित कर देंगे,..
क्यूंकि
यही तो है हमारा रिश्ता जिसे प्यार कहते हैं,..
पर सच कहूं
इस झूठ को जीते-जीते
थक गई हूं
मेरे लिए
अब इसे निभाना
बहुत मुश्किल हो रहा,..
सच तो ये है
अब मैं बिखर जाना चाहती हूं
टूटकर
तुम्हारे सामने
इस सच के साथ
"मैं ठीक नहीं हूं"
सुनो!!!
यह भी तो प्यार ही है ना???? ,...प्रीति सुराना
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