Tuesday, 8 September 2015

"एक आखरी बात"

एक आखरी बात कहनी है ज़माने से,
सुख और दुःख भी मिलते हैं कमाने से,
जी लिए सारे सुख जो मिले जिंदगी में,
कायर है मर रहे हैं दुखों के बहाने से,...प्रीति सुराना

1 comment:

  1. एक ही थैली के चट्टे बट्टे........सुख / दुःख :)

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