Wednesday 12 August 2015

दिल को चैन नहीं है इक दिन,..

सदियों सा बीता हर लमहा,
जो जीया था मैंने तुम बिन,..
दिन बीता यादों में तेरी,.
रातें बीती तारे गिन गिन,.

जिन्दा हूं बस तेरी खातिर
तू रहता है मन में मेरे ,.
तड़प रही मिलने को तुमसे,
काटे ना कटते ये पल छिन,..

धड़क रहा है ये दिल मेरा
नाम तेरा ही धड़कन में है
कैसे  कहूं हाल मैं अपना,.
अटकी सी हैं सांसे तुम बिन,..

प्यार बिना सूना था जीवन
उपवन सा महकाया तुमने
दूर चंदा से हो तुम मुझसे
हो पास चांदनी बन लेकिन,

मुझमे जीने की उम्मीद जगा
आशा का दीप जलाया है,..
लगता नहीं दिल कही भी अब
दिल को चैन नहीं है इक दिन,..
                                  प्रीति सुराना

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