Sunday 2 August 2015

एक हादसा

एक हादसा !!!
सूखी घास से भरी गाड़ी,
बिजली के तारों का अचानक टूटना,.
और ज़रा सी चिंगारी का
घास पर गिरना,..
पलक झपकते ही आग ही आग,.
एक पल में सब ख़त्म,..
गाड़ीवाहक घायल,.
प्रभावित हुए वो लोग,
जो इस हादसे का शिकार हुए
लेकिन जान बच गई,..
क्योंकि
जो बच गया उसे हादसे के जख्म
और मानसिक पीड़ा ताउम्र सहनी होगी,...

मैं दिल की गहराइयों से
महसूस कर सकती हूं
इस पूरे हादसे और उसके असर को,..
क्योंकि
मेरे विश्वास से परिपूर्ण मन पर भी,
गलतफहमी की एक चिंगारी गिरी थी,..
और एकाएक हुआ
एक अटूट रिश्ता जख्मी,..
पर उस रिश्ते के जख्मी होने से
उस रिश्ते की वजह से जुड़े
और भी कई रिश्ते झेल रहे हैं टूटन,.
अब तक जी रहे हैं
उस रिश्ते के दर्द के साथ दर्द,..

काश मैं गलतफहमी की उस चिंगारी को
विश्वास पर गिरने से बचा पाती,..
काश यह हादसा टल जाता,..
काश हादसे के बाद भी
हादसे से प्रभावित लोगों का
मनोबल बढ़ जाता,..
काश उस रिश्ते को दर्द से
निजात दिला पाती,..
पर अब सोच लिया है मैंने,..
गलती नहीं महज़ ग़लतफ़हमी ही तो थी,..
क्यूं ना माफ़ करने और माफी मांगने की
परंपरा को दिल से निभाकर
दिया जाए रिश्ते को जीवनदान,..

रिश्तों को
ज़रा सी ग़लतफ़हमी से
मरता देख पाना
बहुत दर्द देता है,..
सोच लिया है
आज सबकुछ भूलकर
संभाल लूंगी,..
हादसे के शिकार रिश्ते को,..
सुनो!!
मेरी जगह तुम होते
तो क्या करते??
मेरा निर्णय सही है ना??
बताओ ना,.....प्रीति सुराना

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