जब
मैं कहती हूं
नहीं है
मुझे तुमसे प्यार,...
तब तुम ढूंढ लेते हो इनकार में भी इकरार,..
जब
मैं कहती हूं
करती हूं
मैं तुमसे प्यार,..
तब तुम ढूंढ लेते वजह कि हो जाए तकरार,..
जब
मैं कहती हूं
हो जाएगी
अब सच में तकरार
तब तुम ढूंढ लेते हो मेरी तकरार में भी प्यार,..
जब
मैं कहती हूं
है तुम्हारा इंतजार
तब तुम ढूंढ लेते हो इंतजार पर भी अपना अख्तियार,...
सच !!!
तुम भी कमाल हो यार,.... :p ,... प्रीति सुराना
बहुत सुन्दर.......... लाजवाब
ReplyDelete