Thursday 30 July 2015

रिश्तों का खूबसूरत दामन


अपनापन
प्रेम
भरोसा
परवाह
भावनाओं के ढेर सारे 
धागों को 
बुनकर आई हूं 
अपने नेह से,..

इस तरह
रिश्तों के ताने-बाने ने ली है 
एक खूबसूरत 
चादर की शक्ल,...
एक ऐसी चादर
जो रखेगी
महफूज़
हर मौसम में,..

सुख के मौसम में
राहत भरा स्पर्श बनकर,..
दुःख के मौसम में
सुरक्षा का एहसास बनकर,..
धूप में 
सर पर छत्र बनकर,..
छांव में 
आरामदेह बिछौना बनकर,..

और
भावनाओं के 
ताने बाने से बुनी
चादर
अब रहेगी उम्र भर
रिश्तों का खूबसूरत दामन बनकर
हर वक्त....

हे ईश
ऐसी चादर 
ओढ़ के हरदम
द्वार तुम्हारे आऊं
याचना भी यही
प्रार्थना भी यही,...प्रीति सुराना

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