Sunday, 14 June 2015

बदलते हैं मौसम


"क्या हुआ जो रोज बदलते हैं मौसम,..
बदलाव तो है ही नियति का नियम,..
पर ये वादा करें चलो मिलकर आज ,..
मानवता को मिटने न देंगे आप और हम,... प्रीति सुराना

2 comments:

  1. सुन्दर रचना !
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है

    manojbijnori12.blogspot.com

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