मिल न पाया साथ तेरा गम मुझे इस बात का है,
दिल न सह पाया जुदाई मामला जज़बात का है,
चार पल ही साथ बीते चार ही बातें हुई है
काफिला अब साथ अपने याद की बारात का है,
बात ये मालूम ना है कौन जीता कौन हारा,
जानती हूं बस यही ये माजरा शह मात का है,..
हां चलो अच्छा हुआ जो फैसला हो ही गया है,
आजकल मौसम जरा सा पीर की सौगात का है,..
दोष तेरा भी नही है दोष मेरा भी नही है,
चाह कर भी ना मिले हम दोष तो हालात का है,,..प्रीति सुराना
हो जग का कल्याण, पूर्ण हो जन-गण आसा |
ReplyDeleteहों हर्षित तन-प्राण, वर्ष हो अच्छा-खासा ||
शुभकामनायें आदरणीय
धन्यवाद
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