Thursday 21 November 2013

फिर से अजनबी बनकर,..

प्यार से किया था शुरू हमनें एक सुहाना सफर,
बहुत दिन चले हम हाथ थामें हमसफर बनकर,
शायद गुजर जाएं गलतफहमियों के बुरे मंजर,
चलो कुछ पल बिताकर देखें फिर से अजनबी बनकर,..प्रीति सुराना
(चित्र गूगल से साभार)

2 comments:

  1. कल 23/11/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद!

    ReplyDelete
    Replies
    1. dhanywad yashwantji,.. mujhe protsahit karne ke liye

      Delete