सुनो !!!
मैं
यकीन कैसे करूं
जिंदगी के इस सच पर,..
तुम्हारा मेरे दिल में
बस जाना
धड़कन की तरह,...
मेरी सांसों में
घुल जाना
खुशबू की तरह,...
और
मेरी जिंदगी बनकर
एक दिन,..
यूं तुम्हारा
बदल जाना
मौसम की तरह,...
मानो
सपनों के चेहरे पर
सच के छींटे मारकर,..
नींद से जगाया हो
किसी ने
अभी-अभी,.....,.....प्रीति सुराना
सुन्दर प्रस्तुति-
ReplyDeleteसादर आभार
धन्यवाद
Deletenice lines..
ReplyDeletemost welcome here
http://iwillrocknow.blogspot.in/
धन्यवाद
Deleteकल 21/11/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत बहुत धन्यवाद आपका
Deleteबहुत सुन्दर कृति ..
ReplyDeleteधन्यवाद
Deletesundar :)
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteखूबशूरत अहसास ,
ReplyDeleteसपने तो सपने होते हैं
नहीं कभी अपने होते हैं
सपनों को मर जाने से
जीवन मरा नहीं करता है
मधु"मुस्कान"
धन्यवाद
Deleteधन्यवाद
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