वो जो है
"हमराह"
मेरी खुशियों का,
मेरे गमों का,
मेरे हर आंसू और मुस्कान का,...
वो जो है
"हमदम"
मेरी बातों का,
मेरी खामोशी का,
मेरे एहसासों और जज़बातों का,...
वो जो है
"हमराज"
मेरी हसरतों का,
मेरे सपनों का,
मेरे हर सच और झूठ का,...
वो जो है
"हमसफर"
मेरे हर दर्द का,
मेरी यादों का,
मेरी मुश्किलों और अभावों का,...
वो जो है
"हमसाया"
मेरी सांसों का,
मेरी धड़कनों का,
मेरी कल्पना और अभिव्यक्ति,...
वो तो है
"मन"
चंचल मन,
तनहा मन,
बावरा मन,
सिर्फ और सिर्फ "मेरा मन",.....प्रीति सुराना
are waaaaah kya bat hai
ReplyDeletethanks
Deleteबहुत भाव पूर्ण रचना
ReplyDeleteडैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
latest post बे-शरम दरिंदें !
latest post सजा कैसा हो ?
thanks
Deleteवाह, बहुत खूब
ReplyDeleteमन....
ReplyDeleteसबसे प्यारा और करीबी साथी.
सुन्दर सहज भाव.
अनु
बावरा मन ...
ReplyDeletesahi kaha nidhi mann bawara hi to hai,.:)
Deleteवाह, बहुत खूब
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletethanks
ReplyDeletethanks divya di,..:)
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