मैं
कल तक
अपनी हर छोटी-छोटी
खुशी को पाने के लिए
उसके पीछे भागती थी
और
उसपर मेरी दलील ये थी
कि
मंजिल को पाने के लिए
कदम बढ़ाना जरूरी है
मैं
आज
अपनी हर छोटी-छोटी
खुशी के पीछे भागते-भागते
थककर
टूटकर रूक गई हूं मैं
इस मुकाम पर
और
उसपर मेरी दलील ये है
कि
कोई खुशी किस्मत में है
तो उसके पीछे भागना क्यूं
वो खुशी
खुद चलकर आएगी
जिंदगी में,......प्रीति सुराना
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर