Thursday, 31 January 2013

आभासी आजादी



सुनो!

मुझे नही चाहिये 
विकृत मानसिकता वाली 
आज़ादी,...
मुझे आदत है
उस सुख की,.
उस सुरक्षा की,..
जो अपनो के अपनेपन
और प्यार के बन्धन से मिलता है,...
जो मुझे
सबकी नज़रो मे हमेशा
ऊंचा स्थान न भी दिलाए,...
पर 
दिल की गहराई में 
स्थायित्व दिलाता है,..
नही है 
मुझे जरूरत
आभासी आजादी की,...
मै खुश हूं
अपने
इन वास्तविक बंधनो के साथ,......प्रीति सुराना

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