Monday 12 November 2012

तुम सच कहते हो,


सुनो!

तुम मुझसे दूर इसीलिए गए थे न?
क्यूंकि तुम्हे लगता है,
प्रेम बंधन में बंधने को मजबूर करता है,.
और तुम बंधना नही चाहते,..
पर 
मुझे इस बंधन में सुरक्षित और संतुलित
रहने की आदत हो गई है, 
अब मुझे उन्मुक्तता से डर लगने लगा है,.
इसलिए मैं फिर आ गई हूं तुम्हारे पास,...

तुम सच कहते हो,
प्रेम ही बंधने को मजबूर करता है,....प्रीति सुराना

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