सुनो!
तुम ऐसे
खामोश मत रहो,..
क्योंकि
तुम्हारे
प्रेम
तम्हारी
खुशी को,..
मैंने तुम्हारी
खामोशी से नही
तुम्हारी
बोलती आंखों से
महसूस किया
है
और
हमेशा की
तरह
आज भी तुम
खामोश तो हो,..
फिर मुझसे
नजरें
क्यूं नहीं
मिलाते?
क्या तुम
नाराज हो??,....प्रीति सुराना
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