दोस्ती नाम है
दिल से दिल के रिश्ते को निभाने का
कोई व्यापार नही
जिसमें लाभ-हानि के सवाल हो
माना कि
वक्त निकालकर आओगे तुम मेरे बुलावे पर
हर सुख दुख में
शामिल मेरे दोस्तों,..तुम कमाल हो
पर आती है याद
उन दिनों की जब ये तुम ही कहते थे,..
क्या दिन भर
काम ही काम,भागदौड़ ही जिंदगी है,..
कभी यूँ ही
बेवजह भी हमसे मिलने आ जाया करो,..
सारे गमों से दूर
बस बातें हो,मस्ती हो,धमाल हो,...प्रीति सुराना
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