अलविदा दोस्तों अब विदा चाहती हूं,
दुखाया हो दिल तो क्षमा चाहती हूं,
मजबूर होकर जुदा हो रही हूं,
जीने की कोई वजह चाहती हूं,
ढूंढनी है मुझको नई राहे जिंदगी की,
मिले कोई मंजिल दुआ चाहती हूं,
मैने यहां खुद को खो दिया है,
अब मैं खुद को ढूंढना चाहती हूं,
अलविदा दोस्तों अब विदा चाहती हूं,
दुखाया हो दिल तो क्षमा चाहती हूं,....प्रीति सुराना
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