Monday 4 June 2012

रोशन हैं सितारे

हमराह जरा उठा के नजर आसमां पर तो देख
राह-ए-तकदीर पर रोशन हैं सितारे कितने,....

माना के रात ज़रा लंबी है और काली भी,
जो तू हमकदम बनकर चलता रहे संग मेरे,
कट जाएगा जिंदगी का ये सफर सुकुन से,
देख हर कदम पर है हसीन नजारे कितने,..
राह-ए-तकदीर पर रोशन हैं सितारे कितने,...

क्यूं सोचता है कि तुझे यूं लड़ना है अकेले,
क्या यकीन नही है तुझे कि मैं साथ हूं तेरे,..
न गिरने दूंगी तेरी आंखों से एक  भी आंसू,
देख तेरे लिए सजाए है मैंने तराने कितने,..
राह-ए-तकदीर पर रोशन हैं सितारे कितने,...

हर दर्द अब तक तू सहता रहा है तनहा,
अब तेरे दर्द की दवा तू बना ले मुझको,..
की तूने तमाम कोशिशें दूर जाने की पर,
देख तेरे साथ जीने के है बहाने कितने,..
राह-ए-तकदीर पर रोशन हैं सितारे कितने,...

न रह सकी खुश मैं एक लम्हा तेरे बिन,
जाने कैसे काटी राते जाने कैसे बीते दिन,..
इस मोड़ पर जो फिर से मिल गए हैं हम,
देख जरा कुदरत ने किए है इशारे कितने,..
राह-ए-तकदीर पर रोशन हैं सितारे कितने,....

अब मान जा मेरे दिलबर मेरी इल्तज़ा,
यूं तो राह-ए-मुहब्बत में मुश्किले बहुत है,..
मिलकर बता दे  इस जालिम जमाने को,
एक दूजे के हैं हम मजबूत सहारे कितने,...
राह-ए-तकदीर पर रोशन हैं सितारे कितने,.....प्रीति सुराना

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