Thursday 12 April 2012

तुम्हे कुछ भी कहना न होगा


बंद कर लो आंखें और करो खुद से बातें,
स्याह अंधेरे भी उजालों में बदल जाएंगे,

आ जाएगी हिम्मत,मिट जाएगा डर,
और एहसास खुद ही मचल जाएंगे,

तब खोल देना दिल की हर गिरह,
तो गहरे राज भी सब खुल जाएंगे,

देखना फिर कितना सुकुन पाओगे,
सारे इम्तिहान यूं ही निकल जाएंगे,

तब उकेरना उस पल को स्याही से,
कुछ चित्र जैसे फिर उभर आएंगे,

तब तुम्हे कुछ भी कहना न होगा,
शब्द खुद ही कागज पर ढल जाएंगे,.......प्रीति

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