यादे संग्रहालय में रखे
उन पुराने सिक्कों सी है
जो बाजार में चलते नही,...
पर जिनकी बाजार में कीमत
उसकी वास्तविक कीमत से भी
ज्यादा होती है
इसीलिए मन के आंगन में
मैंने इन यादों को
खोटे सिक्कों सा खोने न दिया
संभाल कर रखा है
दिल के गुल्लक में हिफाजत से
कि कंही कोई चुरा न ले
या कहीं खो न जाए,
बहुत कीमती हैं ये मेरे लिए.....प्रीति
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