Saturday 11 February 2012

ज्वार आया


एक रात चांद का दिल भर आया
जब भीड़ में महसूस की उसने तनहाई,
चांद को जब तनहा रोता देखा 
तो सितारों की भी आंख भर आई,
अब तो रात भी संग लगी रोने,
और हवा ने ये खबर सारी सृष्टि मे फैलाई,
सागर भी दौड़ा दौड़ा आया,
और तभी नासमझ मानव चिल्लाया,
देखो समुद्र मे ज्वार आया,ज्वार आया,.....प्रीति

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