Monday, 6 February 2012

मेरा बचपन मेरी यादें,


मेरा बचपन मेरी यादें,
सब कुछ अपना सा था.. 
किन गलियों में ढूंढू उसको
जो सुख सपना सा था
मिल जाए तुम्हे कहीं मेरा बचपन 
तो बस इतना कह देना उससे,
आज भी मै वही हूं जो 
कल बिलकुल अपना सा था,...प्रीति

1 comment:

  1. मिल जाए तुम्हे कहीं मेरा बचपन
    तो बस इतना कह देना उससे,
    आज भी मै वही हूं जो
    कल बिलकुल अपना सा था,----jeevan ka sachsunder rachna

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