Friday 6 January 2012

"मेरी तनहाई' - 'मेरी जिंदगी"


एक महफिल 

जिसकी भीड़ में 
शामिल होने की 
कोई खुशी नहीं,...

जिसकी भीड़ में 
खो जाने का 
कोई दर्द नहीं,..

यानि न खुशी का एहसास न गम का,......

एक तनहाई

जिसमें खुद के वजूद को
महसूस करने की
नन्ही सी खुशी,..

जिसमे खुद  को 
तनहा पाने का
एक असहनीय सा दर्द,..

यानि खुशी का एहसास भी और गम का भी,.....
कहते  है कि
खुशी और गम का संगम है
यानि
"मेरी तनहाई' - 'मेरी जिंदगी",.........प्रीति

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