"मै"
अहम् का प्रतीक होता है,
इसलिए
जो लोग सबके बीच रहकर भी,
बारबार "मैं" का प्रयोग करते है,
वो अपनापन खो देते हैं,....
लेकिन
मैनें महसूस किया है,
जो
लोग अकेले होकर भी खुद को
"हम"
कहते है
वो अपनो से ज्यादा दूर होते हैं,....
और
उस
"हम" में "मैं"
से ज्यादा
अहम् के भाव होते हैं,......प्रीति
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