Monday 12 December 2011

पत्थरों की पूजा



पत्थरों की पूजा करते हैं लोग,
पत्थरों को ईश्वर कहते हैं लोग,
जिसे कभी देखा न गया,उसे इतना महत्व दिया गया,
अनदेखे के लिए जंहा में इतने मंदिर बनाते है लोग,
पर दिखाई नही देता उन्हे,कि सड़कों पर भी रोते है लोग,

पत्थरों की पूजा करते हैं लोग,
पत्थरों को ईश्वर कहते हैं लोग,
अनदेखा करते हैं अकसर जो नजर आता है सामने,
और उस अनदेखे,अनजाने की कल्पना करते हैं लोग,
मैं नही करती अनुकरण जो अकसर किया करते है लोग,

पत्थरों की पूजा करते हैं लोग,
पत्थरों को ईश्वर कहते हैं लोग,
मैं तो करती हूं पूजा,प्रेम और मानवता की,
और है तलाश मुझे एक सच्चे इंसान की,
जिसे देखूं और रच सकूं खुद में मूरत इक इंसान की,....प्रीति सुराना

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