Friday 9 December 2011

रहनुमा


बता ए खुदा क्या मेरी खता है,मेरे रहनुमा मुझसे तू रूठा क्यूं है,..??

तेरी रहमत के साए में मेरा हर अरमां पला,
तेरे ही रहम से था मेरा गुलशन खिला,
आज तू बेरहम क्यूं है मुझपे,तुझे मुझसे गिला क्यूं है,,..??
बता ए खुदा क्या मेरी खता है,मेरे रहनुमा मुझसे तू रूठा क्यूं है,..??

तेरे रहमो करम से है मेरी ये जिंदगी,
तेरे ही करम से थी मेरी हर खुशी,
आज तू बेकरम है मुझपे,आज मुझसे ये बेरूखी क्यूं है,..??
बता ए खुदा क्या मेरी खता है,मेरे रहनुमा मुझसे तू रूठा क्यूं है,..??

तेरी रहमत से हंसने का हुनर पा लिया,
तेरे कदर से थी खिली खुशियों की वादियां,
आज तू बेकदर है मुझपे,आज तू मुझसे यूं बेखबर क्यूं है,,..??
बता ए खुदा क्या मेरी खता है,मेरे रहनुमा मुझसे तू रूठा क्यूं है,..??

तेरी इनायत के पहलू में मेरी मोहब्ब्त पली,
तेरे ही असर से पूरी हुई है अब तक मुरादें,,
आज तू बेअसर है मुझपे,आज तुझे मुझसे ये बेदिली क्यूं है,,..??
बता ए खुदा क्या मेरी खता है,मेरे रहनुमा मुझसे तू रूठा क्यूं है,.....प्रीति सुराना

0 comments:

Post a Comment