हर चीज बुनियाद पर पड़ी है,
बुनियाद पर ही मंज़िलें खड़ी हैं,
बुनियाद अगर कमजोर हुई,
तो क्या होगा ये बातें बड़ी हैं,..
इतिहास गवाह है इस बात का,
कमजोर बुनियाद रास्ता है विनाश का,
तभी तो हर हारा हुआ व्यक्ति,
पात्र बना दुनिया के परिहास का,...
मशविरा बुजुर्गों का भी यही था,
न शिखर बनो,पत्थर बनो बुनियाद का,
क्योंकि इतिहास के पन्नो पर भी,
अंकित नही कोई शिखर बिना बुनियाद का,...
सच यही है कि जिस तरह भविष्य के लिए,
होना जरूरी है वर्तमान का,
वैसे ही उज्ज्वल भविष्य के लिए भी,
जरूरी होता है मजबूत होना वर्तमान रूपी,
"
बुनियाद" का,....प्रीति
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