Wednesday 14 December 2011

स्मृतियां


मधुर तेरी मधुरिम मुस्कान,
शोख हंसी अमिट स्मृतियां,
घर के हर कोने कोने पर,
गूंजेगी तेरी ही बतियां,
माता के आंचल की गुड़िया,
तुम भैय्या की आंखो का तारा,
दामन भरा रहे सदा,
खुशियों के खजानो से तुम्हारा,
कली हो तुम बाबुल की बगिया की,
भंवरे बबने हैं दुल्हे राजा,
जाओ डोली सजी द्वार पर,
नव जीवन तैय्यार खड़ा,......प्रीति

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