Thursday, 15 December 2011

तुम



तुम्हारी एक झलक देखकर जिस तरफ देखा,
हमें समा-ए-बहार नजर आया,
तुम्हारे मुस्कुराते चेहरे से नजर जब हटी,
तब हर तरफ प्यार ही प्यार पाया,....

जब भी तुम हमारी रहगुजर से गुजरे,
हवा का झोंका एक खुशबु साथ लाया,
तुम्हारी कदमों की आहट ने भी,
हमें एक मधुर सा संगीत सुनाया,....

तुम्हारे इंतजार में हर लम्हा,हर पल,
हमने खुद को बहुत बेकरार पाया,
पलकें भी जब थककर झुकने लगीं,
तब तुम्हे भूला वादा याद आया,....

जब-जब भी हम तुमसे मिले,
तुम्हारी आंखों मे देखा खुशियों का साया,
पर मिलकर जब हम जाने लगे,
अलविदा कहती आंखों को बेहद उदास पाया,....प्रीति सुराना

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