Saturday 24 December 2011

उनका आना हो जैसे


उनका आना हो जैसे,कोई हवा का झोंका,
हमने ली चैन की सांसे,तो दिया उसने दर्द का तोहफा,

वो आए तो लगा कि बहारें आई,
दिल की बंजर जमी पे काली घटाएं छाई,
वो सूखी जमी फिर भी प्यासी ही रही,
उनके कदमों ने जिसकी तबाही को रोका,
उनका आना हो जैसे,कोई हवा का झोंका,,........

चंद लम्हे जो साथ हमने थे गुजारे,
यादें बन गए वो जिंदगी की राह पर,
फिर वीरान हो गया वो जीवन,
जो उनके आने से था बागवां सा महका,
उनका आना हो जैसे,कोई हवा का झोंका,..........

लगा जैसे हमने जंहा को पाया हो,
साथ हमारे क्षितीज ने गीत गाया हो,
पर वो गीत नही गजल का मुखड़ा था,
उनके गम में जो दिल ने गाया था,
उनका आना हो जैसे,कोई हवा का झोंका,..........

कुछ पल जो गुजरे थे साए में आके,
वो पल खुशियों का पयाम लिए आए थे,
शहनाईयों की गूंज तो एक ख्वाब ही था,
मिलने की चाहत लिए हो गए फिर जुदा,
उनका आना हो जैसे,कोई हवा का झोंका,..........

वो आए थे यहां एक ख्वाब ही बनकर,
खतावर तो हम हैं जो उन्हे हकीकत जाना,
पर हम भी अब जिएं तो किस तरह,
मुश्किल है बहुत उनको भूला पाना,
उनका आना हो जैसे,कोई हवा का झोंका,..........
हमने ली चैन की सांसे,तो दिया उसने दर्द का तोहफा,.......प्रीति

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