वो ही वादे करो जो निभा तुम सको,जो टूटा करें वो तो वादे नहीं,...
यूं तो हमको है तुमपे ये पूरा यकीं,
जो भी हो पर तुम बेवफा तो नहीं,
ऐसा मुझपे कोई तुम सितम न करो,
कि टूट जाए न मेरा यकीं ये कहीं,
वो ही वादे करो जो निभा तुम सको,जो टूटा करें वो तो वादे नहीं,...
अब से पहले थे हम तो तनहा सदा,
गम के सिवा कुछ मिला ही नही,
पर जबसे मिले तुम हमको सनम,
जिंदगी से हमे कोई गिला ही नही,
वो ही वादे करो जो निभा तुम सको,जो टूटा करें वो तो वादे नहीं,...
खुशियां इतनी तुमने है दे दीं हमें,
न दामन में हमसे समेटीं गई,
थामा है तुमने जो हाथ मेरा,
मझधार में छोड़ तो न दोगे कंही
वो ही वादे करो जो निभा तुम सको,जो टूटा करें वो तो वादे नहीं,...
हम नादान थे,खता ये करते रहे,
कि तुमको हमने समझा ही नही,
हम तो शिकवे करते ही रहे पर,
तुमने कोई शिकवा किया ही नही,
वो ही वादे करो जो निभा तुम सको,जो टूटा करें वो तो वादे नहीं,...
हम जब भी तुमसे रूठा किए,
तुमने मनाया,हम ही माने नही,
हम मना लेंगे तुम जो रूठे कभी,
पर ये वादा करो कभी रूठोगे नही,
वो ही वादे करो जो निभा तुम सको,जो टूटा करें वो तो वादे नहीं,...प्रीति
बहुत खूब !!
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