Thursday, 22 December 2011

जीवन की गज़ल



तेल बाती में हो तो दीप जलते हैं,
दर्द बातों में हो तो एहसास बनते हैं,
गजल लिख दी गई मेरे जीवन की,
जाने क्यूं लोग मेरी खुशियों से जलते हैं......प्रीति सुराना

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