Tuesday 29 November 2011

अतिक्रमण


हाँ! 
ये सच है 
कि 
मै दोषी हूँ....
क्योंकि 
मैनें 
अपनी 
सीमाओं का अतिक्रमण 
किया है,...
यथार्थ की दुनिया
को छोड़कर,..
कल्पनाओं के देश में 
परिभ्रमण 
किया है,....प्रीति

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