Friday 30 April 2021

#आसमाँ कुछ बोल

छोटी सी मेरी औकात
क्या दूँ मैं कोई सौगात

पीड़ा तीखी दिल में आज
गिन न सकी इतने आघात

सुख मानो कुछ पल की ओस
दुख आँसू की है बरसात

अब तू आसमान कुछ बोल
तुझ संग है तारों की बारात

अब सुखमय हो हर इक जीव
दिन हो खुश, जगमग हो रात।

डॉ प्रीति समकित सुराना

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