मैं
करती रही इंतज़ार
तुम्हारे वादे
और तुम पर
अपने अंधविश्वास के दम पर
कि करोगे तुम मुझसे बात!
करती रही
करती रही
करती रही
तुम्हें
बात नहीं करनी तो
तुमने एक खबर भिजवाई
तुम व्यस्त हो जरुरी कामों में
तब समझी
न मैं जरुरत थी न जिम्मेदारी..!
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
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