सिसक रहा है दर्द जो मुस्कान के लिहाफ में,
आप ही हैं जानते जो है खुशी के नकाब में।
आपको ये है पता दिल में मेरे क्या चल रहा,
राहत दे सके मुझे वो बात है बस आप में।
दामन मेरा न भीगे ये कसम ले रखी है और,
याद सिर्फ आपकी है सुकून की तलाश में।
छोड़कर शिकवे सभी आ भी जाइये अभी,
खुद को समेटकर समाना चाहती हूँ आप में।
सुनो! मैं जानती हूँ मैं कुछ नहीं बिन आपके,
मेरी प्रीत का वजूद ही मुकम्मल है बस आप में।
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
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