Sunday 2 August 2020

दोस्ती से पहले, दोस्ती के बाद!

दोस्ती से पहले

तुम थे, मैं थी,
पर रुठने-मनाने का
अधिकार नहीं था,

दोस्ती के बाद

तुम हो, मैं हूँ,
पर रुठने-मनाने की
वजह नहीं है!

क्योंकि
अब 
न तुम, तुम हो,
न मैं, मैं हूँ
बस हम हैं
और जब हम हैं 
तो क्या गम और क्या कम है?

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

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